वैसे तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा के अध्यक्ष अमित शाह अक्सर भाजपा की ईमानदारी का दावा कर रहे होते हैं। ठोक बजा कर कहते है कि चार साल में बीजेपी पर भ्रष्टाचार का एक आरोप नहीं लगा है। यह भी दावा है कि भाजपा की लड़ाई भ्रष्टाचार से है और कांग्रेस भ्रष्टाचार की प्रतीक पार्टी है। लेकिन सवाल है कि क्या भाजपा नारायण राणे, सुखराम, मुकुल रॉय, बीएस येदियुरप्पा, हिमंता बिस्वा सरमा जैसे नेताओं को लेकर भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ रही है? यह कैसा दोहरा रवैया है कि जब तक ये नेता दूसरी पार्टियों में थे, तब तक भ्रष्ट थे और भाजपा में आकर पवित्र हो गए?
मैं आपको कुछ उदाहरण देता हूँ....
भाजपा के लगभग सभी नेताओं ने मुकूल रॉय को भ्रष्ट बताया था। उनके ऊपर अब भी सारदा चिटफंड घोटाले का आरोप लगा हुआ है, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। कुछ दिन पहले तक केंद्रीय एजेंसियों के चक्कर लगा रहे मुकुल रॉय अब भाजपा में आकर पवित्र हो गए हैं...वैसे ही जैसे असम में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हिमंता बिस्वा सरमा हुए थे। सरमा के ऊपर जल प्रबंधन के एक ठेके में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। एक अमेरिकी कंपनी को कंसल्टेंट बनाने के लिए चार करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगा था। इस मामले की जांच अब भी सीबीआई कर रही है। कांग्रेस सरकार में बरसों तक मंत्री रहे सरमा अब भाजपा सरकार में मंत्री हैं और भाजपा के आला नेताओं की आंखों के तारे हैं।
हिमाचल प्रदेश के चुनाव की मजबूरी में भाजपा ने पहले दूरसंचार घोटाले के आरोपी सुखराम और उनके बेटे अनिल शर्मा को पार्टी में शामिल कराया। सुखराम ने कांग्रेस से अलग होकर जब अपनी अलग पार्टी बनाई थी, तब भी भाजपा ने उनसे तालमेल किया था। उस समय सुखराम की पार्टी से तालमेल का बचाव करते हुए भाजपा की बड़ी नेता सुषमा स्वराज ने कहा था कि सुखराम तो वे पहले थे, अब सूखाराम हो गए हैं.... उन्होंने कहा कि मामला बहुत पुराना हो गया है। सवाल है कि बोफोर्स कौन सा नया मामला है या चारा घोटाला कौन सा अभी हुआ है। अगर बोफोर्स या चारा घोटाला भ्रष्टाचार हैं तो संचार घोटाला कैसे पुराना मामला हो सकता है? और क्या मामला पुराना होने से दोषी दोषमुक्त हो जाता है...?
भाजपा ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस छोड़ कर आए नारायण राणे को भी पार्टी में शामिल किया है। राणे और उनके परिवार के कई सदस्यों के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप खुद भाजपा के नेता लगाते रहे हैं। लेकिन अब वे ईमानदार राजनीति में भाजपा का साथ देंगे। रॉबर्ट वाड्रा के कथित जमीन घोटाले से लेकर संचार और कोयला के जिन कथित घोटालों का प्रचार करके भाजपा सरकार में आई थी, उनमें से किसी मामले में कार्रवाई नहीं हुई है। उलटे कई घोटालों के आरोपी भाजपा की गंगा में डूबकी लगा कर पवित्र हो रहे हैं।
चलिये अब अभी की चर्चा करते हैं जिसके लिए इतनी भूमिका बनायी.......
कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इन दिनों कर्नाटक और दिल्ली एक किये हुए हैं... उन्होंने एलान किया है कि भाजपा प्रदेश के भीतर विकास और हिन्दुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। भ्रश्टाचार के मुद्दे पर नहीं लड़ेगी ... क्योंकि उनके सीएम कंडिडेट पर ही भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं.... वो भूल गए होंगे बहुत पुरानी बात है न.....लेकिन क्या जनता भूल गई कि बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में भ्रष्टाचार को अहम मुद्दा बनाया था... बीजेपी के नेता आज तक ये सीना ठोक कर कहते रहे हैं कि हम दूध के धूले हैं.... तो क्या राज्यों के हिसाब से बीजेपी के विचारधारा में बदलाव होते रहते हैं। क्या हिंदुत्व का शोर भ्रष्टाचार को दबा देगा.... ??
क्या लोग ये भूल गए हैं कि भाजपा ने बीएस येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर उनको कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से हटाया था। लेकिन अब वे न सिर्फ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं, बल्कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी हैं। उनके खिलाफ अब भी लगभग सारे मामले चल रहे हैं।
रही बात हिंदुत्व की तो मोदी सरकार ने अब तक राम मंदिर, कश्मीरी पंडित, दफा 370, बंगाल, केरला और विभिन्न जगहों पर मारे जा रहे हिंदु नौजवानों के लिए क्या किया... जम्मू कश्मीर असेंबली में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले नेसनल कॉन्फ्रेंस के नेता के पर कौन सी कार्रवाई हुई... विधायकी भी नहीं गई उनकी.... जे एन यू में भारत के टूकड़े लगाने वाले आज सेलीब्रेटी बनकर घुम रहे हैं... और मैं देश देश कर के यहां वीडियो बना रहा हूँ... उसको लाल मीडिया का फूटेज मिल रहा है मैं फेसबुक और यूट्यूब पर जबरन आपको अपनी बात सुना रहा हूँ... हर दूसरा आदमी देश के खिलाफ इस देश के 100 करोड़ हिंदुओं के खिलाफ आगल उगल कर तालियां बटोर रहा है .... आप क्या कर रहे हैं....कही नोवल पुरस्कार का लोभ तो नहीं है??? चुनाव में जीत हार चाहे किसी की हो लेकिन विचारधारा की लड़ाई में सब हारे हुए हैं.. सब अने मुल्यों से समझौता कर रहे हैं..... वैसे चलते चलते एक अच्छी बात कर के जाते हैं... कश्मीर में सेना के जवानों ने आज जमकर दीवाली बनाई... पता तो चला ही होगा...
मैं आपको कुछ उदाहरण देता हूँ....
भाजपा के लगभग सभी नेताओं ने मुकूल रॉय को भ्रष्ट बताया था। उनके ऊपर अब भी सारदा चिटफंड घोटाले का आरोप लगा हुआ है, जिसकी जांच सीबीआई कर रही है। कुछ दिन पहले तक केंद्रीय एजेंसियों के चक्कर लगा रहे मुकुल रॉय अब भाजपा में आकर पवित्र हो गए हैं...वैसे ही जैसे असम में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले हिमंता बिस्वा सरमा हुए थे। सरमा के ऊपर जल प्रबंधन के एक ठेके में गड़बड़ी के आरोप लगे थे। एक अमेरिकी कंपनी को कंसल्टेंट बनाने के लिए चार करोड़ रुपए की रिश्वत लेने का आरोप लगा था। इस मामले की जांच अब भी सीबीआई कर रही है। कांग्रेस सरकार में बरसों तक मंत्री रहे सरमा अब भाजपा सरकार में मंत्री हैं और भाजपा के आला नेताओं की आंखों के तारे हैं।
हिमाचल प्रदेश के चुनाव की मजबूरी में भाजपा ने पहले दूरसंचार घोटाले के आरोपी सुखराम और उनके बेटे अनिल शर्मा को पार्टी में शामिल कराया। सुखराम ने कांग्रेस से अलग होकर जब अपनी अलग पार्टी बनाई थी, तब भी भाजपा ने उनसे तालमेल किया था। उस समय सुखराम की पार्टी से तालमेल का बचाव करते हुए भाजपा की बड़ी नेता सुषमा स्वराज ने कहा था कि सुखराम तो वे पहले थे, अब सूखाराम हो गए हैं.... उन्होंने कहा कि मामला बहुत पुराना हो गया है। सवाल है कि बोफोर्स कौन सा नया मामला है या चारा घोटाला कौन सा अभी हुआ है। अगर बोफोर्स या चारा घोटाला भ्रष्टाचार हैं तो संचार घोटाला कैसे पुराना मामला हो सकता है? और क्या मामला पुराना होने से दोषी दोषमुक्त हो जाता है...?
भाजपा ने भ्रष्टाचार से लड़ने के लिए महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस छोड़ कर आए नारायण राणे को भी पार्टी में शामिल किया है। राणे और उनके परिवार के कई सदस्यों के ऊपर भ्रष्टाचार के आरोप खुद भाजपा के नेता लगाते रहे हैं। लेकिन अब वे ईमानदार राजनीति में भाजपा का साथ देंगे। रॉबर्ट वाड्रा के कथित जमीन घोटाले से लेकर संचार और कोयला के जिन कथित घोटालों का प्रचार करके भाजपा सरकार में आई थी, उनमें से किसी मामले में कार्रवाई नहीं हुई है। उलटे कई घोटालों के आरोपी भाजपा की गंगा में डूबकी लगा कर पवित्र हो रहे हैं।
चलिये अब अभी की चर्चा करते हैं जिसके लिए इतनी भूमिका बनायी.......
कर्नाटक में होने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह इन दिनों कर्नाटक और दिल्ली एक किये हुए हैं... उन्होंने एलान किया है कि भाजपा प्रदेश के भीतर विकास और हिन्दुत्व के मुद्दे पर चुनाव लड़ेगी। भ्रश्टाचार के मुद्दे पर नहीं लड़ेगी ... क्योंकि उनके सीएम कंडिडेट पर ही भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे हैं.... वो भूल गए होंगे बहुत पुरानी बात है न.....लेकिन क्या जनता भूल गई कि बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनावों में भ्रष्टाचार को अहम मुद्दा बनाया था... बीजेपी के नेता आज तक ये सीना ठोक कर कहते रहे हैं कि हम दूध के धूले हैं.... तो क्या राज्यों के हिसाब से बीजेपी के विचारधारा में बदलाव होते रहते हैं। क्या हिंदुत्व का शोर भ्रष्टाचार को दबा देगा.... ??
क्या लोग ये भूल गए हैं कि भाजपा ने बीएस येदियुरप्पा पर भ्रष्टाचार के आरोप लगने पर उनको कर्नाटक के मुख्यमंत्री पद से हटाया था। लेकिन अब वे न सिर्फ भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष हैं, बल्कि मुख्यमंत्री पद का चेहरा भी हैं। उनके खिलाफ अब भी लगभग सारे मामले चल रहे हैं।
रही बात हिंदुत्व की तो मोदी सरकार ने अब तक राम मंदिर, कश्मीरी पंडित, दफा 370, बंगाल, केरला और विभिन्न जगहों पर मारे जा रहे हिंदु नौजवानों के लिए क्या किया... जम्मू कश्मीर असेंबली में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाने वाले नेसनल कॉन्फ्रेंस के नेता के पर कौन सी कार्रवाई हुई... विधायकी भी नहीं गई उनकी.... जे एन यू में भारत के टूकड़े लगाने वाले आज सेलीब्रेटी बनकर घुम रहे हैं... और मैं देश देश कर के यहां वीडियो बना रहा हूँ... उसको लाल मीडिया का फूटेज मिल रहा है मैं फेसबुक और यूट्यूब पर जबरन आपको अपनी बात सुना रहा हूँ... हर दूसरा आदमी देश के खिलाफ इस देश के 100 करोड़ हिंदुओं के खिलाफ आगल उगल कर तालियां बटोर रहा है .... आप क्या कर रहे हैं....कही नोवल पुरस्कार का लोभ तो नहीं है??? चुनाव में जीत हार चाहे किसी की हो लेकिन विचारधारा की लड़ाई में सब हारे हुए हैं.. सब अने मुल्यों से समझौता कर रहे हैं..... वैसे चलते चलते एक अच्छी बात कर के जाते हैं... कश्मीर में सेना के जवानों ने आज जमकर दीवाली बनाई... पता तो चला ही होगा...
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