शनिवार, 25 मार्च 2017

क्या आप एंटी रोमियो स्क्वाड का विरोध करते हैं?


     राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के आंकड़ बताते हैं कि यूपी में वर्ष 2016में छेड़खानी के कुल 7885 (सेक्शन 354 के तहत ) मामले दर्ज किये गए। लेकिन अगर सेकशन 354 और पुलिस स्टेशन में दर्ज होने वाले मामलों के दायरे से बाहर मिकलें तो एक साल में प्रदेश में 2 लाख मामले छेड़छाड़ के दर्ज हुए हैं। प्रदेश में 1,99,679 मामले वूमेन पॉवर लाइन में दर्ज कराए गए हैं। राजधानी लखनऊ इसमें अव्वल है, यहाँ 128228 छेड़छाड़ की घटना सामने आयी उसके बाद कानपुर (32197), वाराणसी(24825), इलाहाबाद(24822), आगरा(16318)
  ध्यान रहे मैं सिर्फ छेड़ छाड़ की बात कर रहा हूँ।  एनसीआरबी की रिपोर्ट से पता चलता है कि यूपी में महिलाओं के खिलाफ होने वाले कुल अपराध के मामले में छेड़खानी के मामलों का फीसद कम है ,लेकिन उनका असम्मान करने की दृष्टि से उनके खिलाफ बल प्रयोग की घटनाएं ज्यादा है। आंकड़े बताते हैं कि वर्ष 2016 में यूपी में छेड़खानी के मामले, स्त्रियों के खिलाफ होने वाले कुल आपराधिक मामलों के सिर्फ 8 फीसदी थे। सरकार को इस तरफ भी ध्यान देना चाहिए। बहरहाल उसपर किसी और दिन चर्चा करेंगे। फिलहाल छेड़ छाड़ पर फोकस करते हैं।
   निष्पक्ष भाव से यदि कहा जाये तो सत्य है यूपी में लड़कियों के साथ छेड़-छाड़ उनके दिनचर्या का हिस्सा बन चुका था। जो आँकड़े मैने गूगल से जुटाये उनको हमें अर्ध सत्य मानना चाहिए क्योंकि ये वो मामले होते हैं जो दर्ज कराये जाते हैं...यकीनन इससे भी अधिक मामले इज्जत उछलने और अन्य रुढ़िवादी कारणों से दर्ज ही नहीं होते होंगे। सियासत से लेकर सड़क तक ये मामला उठाया जाता। इक्का दूक्का छोड़ दें तो कुछ खास कार्रवाई किसी पर नहीं हुई। कुछ साहसी लड़कियाँ प्रतिउत्तर देती कुछ खामोशी से निकल जाती हैं, गुनहगारों का हौसला बढ़ाकर। ज्यादातर मामले तभी दर्ज होते हैं जब लड़की अपने परिजन के साथ होती हैं।
   इसपर बातें तो खूब होती थी लेकिन ठोस कदम नहीं उठाये जाते थे। आलम ये था कि लड़कियाँ अपने घरों से अकेली निकलती नहीं थी। सब इससे निजात चाहते थे। लेकिन कुछ होता नहीं था, अब कदम उठाये जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश में नई सरकार के गठन के तत्काल बाद मुख्यमंत्री योगी सरकार द्वारा पूरे प्रदेश में एंटी रोमियो स्क्वाड का गठन हुआ है। यह स्क्वाड महिलाओं और लड़कियों के साथ छेड़छाड़ के मामलों में कारवाई कर रही है। सरकार द्वारा ऐसे मामलों में गुंडा एक्ट लगाने के आदेश दिए हैं।
    3, 4 दिन से हमारे संवाददाताओं की रिपोर्ट देख रहा था, जो नौजवानों (लड़का/लड़की) से ये जानने की कोशिश कर रहे थे कि एंटी रोमियो स्क्वाड से वे खुश हैं या परेशान.... 100 में से 90 फीसदी ने सरकार के इस कदम की तारीफ की, 5 फीसदी के आसपास ने अच्छा बुरा दोनों कहा और 5 प्रतिशत लड़के लड़कियों ने इस कदम को मिस युज होने वाला या तुगलकी फरमान किस्म का बताया।
   इसमें कोई शक नहीं कि इस अभियान में आपसी रजामंदी से घूम रहे जोड़ों, पति-पत्नि या भाई-बहन को परेशानी हो रही होगी। इसके लिए मुख्यमंत्री ने साफ आदेश जारी किये हैं। फिर  भी अगर आपके साथ पुलिस कर्मचारी बदसलूकी करते हैं आप इसकी शिकायत कर सकते हैं। उनपर कार्रवाई होगी। इसमें हम मीडिया के लोगों का भी अहम रोल होना चाहिए ब्रेकिंग न्यूज और हेडलाईन के चक्कर में महज पूछ-ताछ की तस्वीरें खिंचकर सुर्खियां बटोरने से बचें।
  कुछ लोगों को तो एंटी रोमियो स्क्वाड नाम से आपत्ती है। ये आपत्ती तब क्यों नहीं होती जब मनचलों को रोमियो कहकर धुलाई की जाती है, अक्सर कहने सुनने को मिलता है, “ज्यादा रोमियो मत बनतब क्या प्यार की साख को धक्का नहीं लगता। छोड़िये साहब नाम नहीं काम पर बात कीजिए। मैंने तो अपनी कह दी आपकी आप जानो...।

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विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...