बुधवार, 11 सितंबर 2019

जीवन बीत जायेगा...

जीवन बीता जा रहा है...
जीवन बीत जायेगा...

मनु के अपराध का फल
 मानव भुगतता जा रहा है
मानव भुगतता जायेगा...

मार्ग में अपनो को पाकर
फिर बिछड़ते जा रहे हैं
सब छूट जाएगा..

जो उनका था वो आपका है
आपका जो भी छिनता जा रहा है
एक दिन छिन जायेगा...

क्षमा, करुणा, दया..
 वेदना संवेदना... शब्द होते जा रहे हैं
शब्द ही रह जायेगा..

पशु से मनुज... लाखों युगों की यात्रा
मनुज से पशु होता जा रहा है
पशु ही रह जायेगा...

दिग्भ्रमित पथ भ्रष्ट मनुष्य..
 पाप करता जा रहा है
पाप करता जायेगा..

मैं कौन हूं मैं क्यों हूं
प्रश्न खाये जा रहा है
प्रश्न खाये जाएगा...

आरंभ से अब अंत आ चला..
घुट-घुट कर जिये जा रहा है..
घुट घुट कर मर जाएगा... 

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विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...