क्या आप दवानल के बारे में जानते हैं... जंगल में लगी आग को दवानल कहते हैं. बचपन में पढ़ा था आजकल इस शब्द का इस्तेमाल कम होता है. दवानल इतनी तेजी से फैलता है कि इसे साहित्यकार और लेखक प्रायः मुहावरे की तरह इस्तेमाल करते हैं. आजकल देश भर के कुछ स्थानों पर दवानल की तरह बच्चा चोरी के अफवाह फैल रहे हैं. आये दिन समाचार पत्रों और टेलीविजन पर सुनने को मिलता है कि बच्चा चोरी के अफवाह में कई निर्दोष लोगों को पीट पीट कर मार डाला गया. यह एक सभ्य समाज को शोभा नहीं देता. इनमें से कई घटनाएं तो इतनी मार्मिक थीं कि सम्पूर्ण मानव जाती को इसका खेद हो... एक घटना में अपने भतीजे का इलाज कराने जा रहे चाचा को पीट-पीटकर मार डाला गया. पीटाई करने वाले ये लोग सामने वाले को बोलने तक का मौका नहीं देते. दो एक नहीं बल्कि दर्जनों मामले ऐसे आये हैं जिनमें निर्दोष लोगों को बच्चा चोर समझ कर जान से मार दिया गया. हैरानी की बात ये है कि कोई नहीं जानता कि कहां और किसका बच्चा चोरी हुआ. मगर चोरी करने के शक में लोग पकड़े जा रहे हैं. उनकी पिटाई की जा रही है. उनको पीट-पीटकर मारा जा रहा है.
इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता कि हमारे देश में बच्चा चोरी होता ही नहीं.. बिल्कुल कई बच्चा चोर गिरोह का पता चला है कानून के दायरे में उनपर कार्रवाई भी की जा रही है.. लेकिन लोगों को कोई हक नहीं कि वे कानून हाथ में लें. अगर सचमुच किसी बच्चा चोर को पकड़ा गया है तो उसे सज़ा देने के लिए आपकी न्याय पालिका है. आपको चाहिए कि पुलिस को सूचना दें न कि खुद ही पुलिस बन जायें और खुद ही कोर्ट...
पश्न आप सब से है मान लीजिए आपने किसी व्यक्ति की पिटाई कर दी और कुछ समय बाद आपको पता चलता है कि उक्त व्यक्ति अपने भतीजे या भांजे को इलाज के लिए अस्पताल ले कर जा रहा था हो सकता है एक बाप अपने बेटे के साथ ही कहीं जा रहा हो आपने बीच में ही उसे घेर कर मार डाला...उसके बाद क्या आप अपने आप को जवाब दे पायेंगे क्या आप अपने आप को माफ कर पायेंगे?
अगर आपको किसी पर शक है तो आप पुलिस को सूचित कर सकते हैं पुलिस अगर कार्रवाई नहीं करती तो आप उसके आगे शिकायत कर सकते हैं.. आप सोशल मीडिया की मदद ले सकते हैं.. लेकिन सोशल मीडिया का इस्तेमाल तो आप अफवाह फैलाने के लिए कर रहे हैं.. इसे सोशल मीडिया का दुरउपयोग कहा जायेगा.. सोचिये आप सोशल मीडिया का इस्तेमाल किसी की जान बचाने के लिए न कर के किसी की जान लेने के लिए करते हैं कितना दुर्भाग्यपूर्ण है?
दूसरी तरफ आपके इस नासमझी का फायदा बच्चा चोर गिरोह भी उठा सकते हैं... कहीं बार-बार भेड़िया आया भेड़िया आया का शोर मचाने के बाद आप अपनी विश्वसनियता न खों दे और फायदा सचमुच का भेड़िया उठा ले...
किसी व्यक्ति की पिटाई से पहले आप उससे सवाल जवाब तो कर सकते हैं दोषी पाये जाने पर पुलिस को सूचित कर सकते हैं.याद रखिये 100 गुनहगारों को सज़ा देने के बाद भी आपको अपने पुरुषार्थ से उतनी खुशी नहीं होगी जितना अफसोस आप एक बेगुनाह को मारने के बाद करेंगे... मानव हैं तो मानवता भी दिखायें. दानवों वाले कार्य कर के मानवजाति पर कलंक न लगायें...
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