शुक्रवार, 10 फ़रवरी 2017

दिल टूटे तो ग़ज़ल पढ़े...

छोड़िये तकरार चाहत की कुछ बात कीजिये,
आइये चांदनी रातों में मुलाकात कीजिये।

पतली है कमर आपकी लचक जायेगी,
तलवार उठाने की न बात कीजिये।

जो कल को जाना ही है छोड़ कर हमको..
तो इंतेजार कैसा ? ये काम हाथो हाथ कीजिये।

दिल के टूटने से अगर मिलती है शोहरत,
तो रोज़ एक नयी हसीना से मुलाकात कीजिये।

मिलना जो मुकर्रर हो जुम्मे को,
शराब जी भर कर जुम्मेरात पीजिये।

टूटे हुए दिल से निकले जो लफ्ज़,
लिखिए, गुनगुनाइए, उन्ही को अपनी कायनात कीजिये।।
    
       - Rajan kumar jha

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2 टिप्‍पणियां:

विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...