मंगलवार, 21 फ़रवरी 2017

बेवफाई का नज़राना


उनके साथ बीते जो लम्हे बड़ा सुहाना लगे
कुछ वक़्त ले लूँ उन लम्हों से मगर उन्हे बुरा न लगे।

उनको भूलना हो तो भूल जाएं हमें
उन्हे भूलने में शायद मुझे ज़माना लगे।

जो जल ही रहे इश्क़ में तो चींखे भी सुनो
दुनियां को मेरी तड़प भी कोई फसाना लगे।

जब भी बयान करुं दर्द ए जिंदगी
गम ए मौसिक़ी का नया तराना लगे।

हमने अपनाया तुमने ठुकराया,
करीब आने का न कोई अब बहाना लगे।

अबकी इस तरह मुझसे बेहयायी कर,
तेरी बेवफाई भी मुझे कोई नज़राना लगे।।


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  by Rajan kumar jha

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विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...