रिश्तों में आजकल दरार बहुत हैँ,
ना समझ कोई नही सब समझदार बहुत हैं।
भरोसे का जनाजा उठा जा रहा है,
हर एक शक्स के किरदार बहुत हैं।
सच्चाई बिक रही है कौड़ियोंं में यहां,
महंगी गलतफहमियों के खरीददार बहुत हैं।
आंखों में लिहाज,शर्म न हया कोई,
आवाज़े इनकी मगर दमदार बहुत हैं।
ये जिंदगी बड़ी ही दिलचस्प है दोस्तों,
देखते जाओ अभी तो असरार बहुत हैं।
सोंचता हूं किस दिये में तेल डालूं....
बातियों की भी तो भरमार बहुत है।
इस उधेर बून से फुरसत हो तो आजाओ,
मयखाने चलते हैं, चैन की दरकार बहुत है।
न रंजिश न गम न अफ़सोस कोई,
जरा पीकर तो देखो ये दवा असरदार बहुत है।
copyright protected - Rajan Kumar Jha
ना समझ कोई नही सब समझदार बहुत हैं।
भरोसे का जनाजा उठा जा रहा है,
हर एक शक्स के किरदार बहुत हैं।
सच्चाई बिक रही है कौड़ियोंं में यहां,
महंगी गलतफहमियों के खरीददार बहुत हैं।
आंखों में लिहाज,शर्म न हया कोई,
आवाज़े इनकी मगर दमदार बहुत हैं।
ये जिंदगी बड़ी ही दिलचस्प है दोस्तों,
देखते जाओ अभी तो असरार बहुत हैं।
सोंचता हूं किस दिये में तेल डालूं....
बातियों की भी तो भरमार बहुत है।
इस उधेर बून से फुरसत हो तो आजाओ,
मयखाने चलते हैं, चैन की दरकार बहुत है।
न रंजिश न गम न अफ़सोस कोई,
जरा पीकर तो देखो ये दवा असरदार बहुत है।
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