जम्मू और कश्मीर में भले ही बीजेपी और पीडीपी गठबंधन की सरकार चल रही है लेकिन वहां हमेशा से राजनीतिक अस्थिरता बनी हुई है। मैं व्यक्तिगत रुप से जम्मू-कश्मीर को 100 फीसदी अखंड भारत का हिस्सा मानता हूँ। पाक अधिकृत कश्मीर और अक्साई चिन समेत। इन दिनों राज्य की स्थिती बहुत चिंताजनक है। चिंता दुश्मन पाकिस्तान की वजह से कम लेकिन वहां के कुछ प्रो पाकिस्तानी और अलगाववादी नेताओं और लोगों की वजह से ज्यादा है। कईं मुद्दे हैं जिनपर बहस नहीं बल्कि एक्शन की जरुरत है।
पूरा देश मेजर गोगोई की सूझ बूझ की तारिफ कर रहा है ऐसे में नेशनल कन्फ्रेंस के नेताओं की कुछ बातों से आश्चर्यचकित हूँ। नेशनल कन्प्रेंस की एक नेता शमीमा फिरदौस ने मेजर के खिलाफ न सिर्फ आपत्तीजनक बातें कही बल्कि उनको फांसी देने तक की बात कह दी। मैंने शमीमा के पिछले बयानों की भी जांच पड़ताल की सोचा पत्थरबाजो और राज्य के अमन-चैन की दुश्मनों के बारे में भी उन्होंने कुछ कहा होगा। लेकिन मुझे कामयाबी नहीं मिली। क्योंकि शायद उन्होंने इस पर कुछ कहा ही नहीं।
शमीमा के मुताबिक मेजर गोगोई को फांसी पर लटका देना चाहिए क्योंकि उन्होंने एक पत्थरबाज फाहरुक अहमद डार को जीप पर बांधा था। लेकिन वो भूल गईं कि अगर मेजर गोगोई ये कदम नहीं उठाते तो न जाने कितने लोगों की जान जा सकती थी। फाहरुक डार भी सेना के खिलाफ जमकर टिप्पणियां कर रहे हैं। कुछ अखबार वाले और तथाकथित बुद्धिजीवी पत्रकार उनके साक्षात्कार कर रहे हैं। अखबार वाले छाप रहे हैं और टिवी वाले दिखा भी रहे हैं। डार समेत इन बुद्धिजीवियों को इस बात की खुशी नहीं है कि उनकी वजह से सेना समेत इलाके के न जाने कितने लोगों की जान बच गई।
शमीमा फिरदौस जैसी नेता सिर्फ जहरिले बयान ही दे सकती हैं क्योंकि वो नेशनल कन्फ्रेंस की नेता है जिसके नेता फाहरुख और उमर अब्दुल्ला जैसे लोग हैं। आपको याद होगा ये वही लोग हैं जो पत्थरबाजों के मानव अधिकारों की दुहाई तो देते हैं लेकिन इनके मुंह से सेना को अपमानित करने वालों और उनको थप्पड़ से मारने वालों के खिलाफ एक लफ्ज भी नहीं निकलता। बाहरी दुश्मनों से पहले हमें देश के भितर बैठे गद्दारों से निपटना होगा। वर्ना देखते-देखते घाव नासूर बन जाते हैं।
पूरा देश मेजर गोगोई की सूझ बूझ की तारिफ कर रहा है ऐसे में नेशनल कन्फ्रेंस के नेताओं की कुछ बातों से आश्चर्यचकित हूँ। नेशनल कन्प्रेंस की एक नेता शमीमा फिरदौस ने मेजर के खिलाफ न सिर्फ आपत्तीजनक बातें कही बल्कि उनको फांसी देने तक की बात कह दी। मैंने शमीमा के पिछले बयानों की भी जांच पड़ताल की सोचा पत्थरबाजो और राज्य के अमन-चैन की दुश्मनों के बारे में भी उन्होंने कुछ कहा होगा। लेकिन मुझे कामयाबी नहीं मिली। क्योंकि शायद उन्होंने इस पर कुछ कहा ही नहीं।
शमीमा के मुताबिक मेजर गोगोई को फांसी पर लटका देना चाहिए क्योंकि उन्होंने एक पत्थरबाज फाहरुक अहमद डार को जीप पर बांधा था। लेकिन वो भूल गईं कि अगर मेजर गोगोई ये कदम नहीं उठाते तो न जाने कितने लोगों की जान जा सकती थी। फाहरुक डार भी सेना के खिलाफ जमकर टिप्पणियां कर रहे हैं। कुछ अखबार वाले और तथाकथित बुद्धिजीवी पत्रकार उनके साक्षात्कार कर रहे हैं। अखबार वाले छाप रहे हैं और टिवी वाले दिखा भी रहे हैं। डार समेत इन बुद्धिजीवियों को इस बात की खुशी नहीं है कि उनकी वजह से सेना समेत इलाके के न जाने कितने लोगों की जान बच गई।
शमीमा फिरदौस जैसी नेता सिर्फ जहरिले बयान ही दे सकती हैं क्योंकि वो नेशनल कन्फ्रेंस की नेता है जिसके नेता फाहरुख और उमर अब्दुल्ला जैसे लोग हैं। आपको याद होगा ये वही लोग हैं जो पत्थरबाजों के मानव अधिकारों की दुहाई तो देते हैं लेकिन इनके मुंह से सेना को अपमानित करने वालों और उनको थप्पड़ से मारने वालों के खिलाफ एक लफ्ज भी नहीं निकलता। बाहरी दुश्मनों से पहले हमें देश के भितर बैठे गद्दारों से निपटना होगा। वर्ना देखते-देखते घाव नासूर बन जाते हैं।
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