रविवार, 11 जून 2017

DEDICATED LOVE

ये दिल तूझको पाना चाहता है,
तूझको अपना बनाना चाहता है।

खो गई थी जो हंसी बरसो पहले मेरी,
फिर से इन लबों पर उसे सजाना चाहता है।

तैयार है तूझको हर खुशी देने के लिए
और तेरे हर गम को अपना बनाना चाहता है।

मोहब्बत है उनको भी यकीनन...
सबके सामने मगर छिपाना चाहता है।

शर्म से पलकें देखो झुकी जाती हैं...
नज़र मुझसे लेकिन मिलाना चाहता है।

अंगुलियों से ज़रा परहेज है उसको
हाथों को लेकर हाथों में हल्का दबाना चाहता है।

नादान है, उसे बस अपनी फिकर है,
उसे कोई मतलब नहीं क्या ज़माना चाहता है।

 - राजन कुमार झा

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...