पूर्व राष्ट्रपति ए पी जे अब्दुल कलाम की प्रतिमा के पास उत्कीर्ण भगवत गीता रखे जाने को लेकर विवाद.....
कैफ के अपने बेटे के साथ शतरंज खेलते हुए तस्वीर जारी करने पर विवाद...
मोहम्मद शमी के अपनी बेटी के जन्म दिन की तस्वीरें साझा करने पर विवाद...
वंदे मातरम् कहने को लेकर विवाद....
और अब तो हद ही हो गई....
हिंदुस्तान की जमीन पर हिंदुस्तान के एक राज्य बिहार के एक मंत्री को जय श्री राम कहने के बाद उनको उनके धर्म यानी इस्लाम से टर्मिनेट कर दिया गया. टर्मिनेशन पटना के मुफ्ती इमारत-ए-शरिया मौलाना सोहैल अहमद कासमी ने किया था। अर्थात उन्होंने ही जय श्री राम पर आपत्ती जताई थी।
मैंने बहुत सी इस्लाम को लेकर बेदारी प्रोग्राम्स पर खबरें की हैं किसी मौलाना, मौलवी या उलेमा ये नहीं बताते कि इस्लाम में दूसरे धर्म के एक देवता की जयकार कर देने से इस्लाम की खिलाफत या उसके शान में गुस्ताखी मानी जायेगी.... तो इस्लाम उदार नहीं है क्या?
एक प्रक्रिया के तहद उनको माफी मांगनी पड़ी और दूबारा उनको मुसलमान बनाया गया, जय श्री राम कह देने से उनका धर्म परिवर्तित हो गया...दूसरे मजहब को लेकर इतनी वैमनश्यता का भाव रखा जा रहा है इस देश में... जहाँ 80 प्रतिशत लोग सुबह शाम उठते बैठते जय श्री राम जय श्री राम कर रहे होते हैं।
हम भी अल्ला हू अकबर कहते हैं, स.अ. का नाम लेते हैं। और यकीन मानिये देश में अकेले कर्मकांडी ब्राहम्णों की तादाद किसी छोटे मोटे देश के कुल जनसंख्या के बराबर है, इसके बावजूद किसी पंडित ने अल्लाह का नाम लेने वालों के खिलाफ आपत्ती नहीं जताई।
एक तरफ आप कुछ राजनीतिक दलों पर साम्प्रदायिक होने के इल्जाम लगाते हैं और दूसरी तरफ खुद भेद-भाव पूर्ण आचरण करते हैं। इस दोहरे चरित्र का खेल बंद कर दीजिए।
एक और घटना याद आयी, आप भी यू ट्यूब पर देख सकते हैं। तीन महीने पहले आज तक पर एक DEBATE शो के दौरान कांग्रेस के राजीव त्यागी बड़े जोश में मौलाना अंसार रजा का हाथ पकड़ कर चलते शो के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल दिखाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस देश की खुबसूरती है कि मैं अल्ला हू अकबर बोलूंगा और मेरे साथ अंसार रज़ा जय श्री राम बोलेंगे.... त्यागी साहब ने जोश के सात अल्लला हू अकबर का नारा लगाया.... देख कर खुशी हुई, लेकिन इसके बाद जो हुआ उससे मुझे दुःख कम हुआ हँसी ज्यादा आयी। अंसार रज़ा खामोश थे..त्यागी जी और अन्य लोग उनसे आग्रह करते रहे उनके मुँह से चू शब्द तक नहीं निकला.... दूरियाँ कौन बढ़ा रहा है? कट्टरता किसमें अधिक है? सोचिये...
कैफ के अपने बेटे के साथ शतरंज खेलते हुए तस्वीर जारी करने पर विवाद...
मोहम्मद शमी के अपनी बेटी के जन्म दिन की तस्वीरें साझा करने पर विवाद...
वंदे मातरम् कहने को लेकर विवाद....
और अब तो हद ही हो गई....
हिंदुस्तान की जमीन पर हिंदुस्तान के एक राज्य बिहार के एक मंत्री को जय श्री राम कहने के बाद उनको उनके धर्म यानी इस्लाम से टर्मिनेट कर दिया गया. टर्मिनेशन पटना के मुफ्ती इमारत-ए-शरिया मौलाना सोहैल अहमद कासमी ने किया था। अर्थात उन्होंने ही जय श्री राम पर आपत्ती जताई थी।
मैंने बहुत सी इस्लाम को लेकर बेदारी प्रोग्राम्स पर खबरें की हैं किसी मौलाना, मौलवी या उलेमा ये नहीं बताते कि इस्लाम में दूसरे धर्म के एक देवता की जयकार कर देने से इस्लाम की खिलाफत या उसके शान में गुस्ताखी मानी जायेगी.... तो इस्लाम उदार नहीं है क्या?
एक प्रक्रिया के तहद उनको माफी मांगनी पड़ी और दूबारा उनको मुसलमान बनाया गया, जय श्री राम कह देने से उनका धर्म परिवर्तित हो गया...दूसरे मजहब को लेकर इतनी वैमनश्यता का भाव रखा जा रहा है इस देश में... जहाँ 80 प्रतिशत लोग सुबह शाम उठते बैठते जय श्री राम जय श्री राम कर रहे होते हैं।
हम भी अल्ला हू अकबर कहते हैं, स.अ. का नाम लेते हैं। और यकीन मानिये देश में अकेले कर्मकांडी ब्राहम्णों की तादाद किसी छोटे मोटे देश के कुल जनसंख्या के बराबर है, इसके बावजूद किसी पंडित ने अल्लाह का नाम लेने वालों के खिलाफ आपत्ती नहीं जताई।
एक तरफ आप कुछ राजनीतिक दलों पर साम्प्रदायिक होने के इल्जाम लगाते हैं और दूसरी तरफ खुद भेद-भाव पूर्ण आचरण करते हैं। इस दोहरे चरित्र का खेल बंद कर दीजिए।
एक और घटना याद आयी, आप भी यू ट्यूब पर देख सकते हैं। तीन महीने पहले आज तक पर एक DEBATE शो के दौरान कांग्रेस के राजीव त्यागी बड़े जोश में मौलाना अंसार रजा का हाथ पकड़ कर चलते शो के दौरान सांप्रदायिक सौहार्द की मिसाल दिखाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि इस देश की खुबसूरती है कि मैं अल्ला हू अकबर बोलूंगा और मेरे साथ अंसार रज़ा जय श्री राम बोलेंगे.... त्यागी साहब ने जोश के सात अल्लला हू अकबर का नारा लगाया.... देख कर खुशी हुई, लेकिन इसके बाद जो हुआ उससे मुझे दुःख कम हुआ हँसी ज्यादा आयी। अंसार रज़ा खामोश थे..त्यागी जी और अन्य लोग उनसे आग्रह करते रहे उनके मुँह से चू शब्द तक नहीं निकला.... दूरियाँ कौन बढ़ा रहा है? कट्टरता किसमें अधिक है? सोचिये...
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