शनिवार, 23 सितंबर 2017

बताना मेरे बारे में आपका ख्याल क्या?




पूछ सकता हूँ आपसे कुछ सवाल क्या?
बताना मेरे बारे में आपका ख्याल क्या?

नजरें झुका कर मिलना, खामोश गुफ्तगू करना,
आप ही छोड़ गई थी वो नीली सी रुमाल क्या ?

सौ बार संभल कर भी न सीखा संभलना,
आपके आने से ठीक होंगे हाल-चाल क्या ?

अब तक जो जिंदगी थी दरहम बरहम
होगी इसकी अच्छी- खासी देखभाल क्या?

आप जो आयीं जिंदगी में रौशनी हो गई,
पता नहीं ऐसा आपने किया कमाल क्या?

कितना बदलता हूँ पहलू, देखकर आपको ..
मदहोश कर जाती है मुझे वो लब लाल क्या?

क्यों होती हो नाराज़ यूँ बात-बात पर,
कुछ दिल में है आपके मलाल क्या?

सर्दियों में ये कैसा है गर्मियों सा एहसास...
बिछा दिया है मुझपर कोई ऊनी शॉल क्या?

मोहब्बतों में मुश्किल है अब बदल जाना,
पेश करें इश्क की एक नई मिसाल क्या?

1 टिप्पणी:

विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...