गुरुवार, 16 मई 2019

क्या निर्वाचन आयोग पर सवाल खड़े करना सही है?


       
लोकसभा चुनाव खत्म हो चुके हैं. एग्जिट पोल आ चुके हैं और अब नतीजे भी आ जायेंगे. भारत के आम चुनाव दुनिया के लिए एक मिसाल है. यह मिसाल कायम करने का श्रेय एक बड़ी हद तक निर्वाचन आयोग को जाता है. चुनावों के समय राजनीतिक दलों को उससे कुछ न कुछ शिकायतें रहती ही हैं. इस बार भी रहीं, लेकिन कुछ ज्यादा ही. भाजपा समेत करीब-करीब सभी दलों ने उसे आड़े हाथों लिया. विपक्षी दलों ने उस पर कुछ ज्यादा ही हमले किए।.विपक्षी दलों ने उस पर ऐसे आरोप लगाए कि वह सरकार के दबाव में अथवा उसके इशारे पर काम कर रहा है. चुनाव आयोग ने जब-जब प्रधानमंत्री के खिलाफ विपक्षी दलों की शिकायतों को खारिज किया तब-तब उनकी ओर से उस पर पक्षपात के आरोप मढ़े गए. पश्चिम बंगाल में चुनावी हिंसा को लेकर आयोग को खास तौर पर निशाने पर लिया गया. 
यह अच्छा नहीं हुआ कि बंगाल में हर चरण के मतदान के समय हिंसा हुई. अमित शाह की रैली में हंगामे और ईश्वरचंद्र विद्यासागर की प्रतिमा खंडित हुई तो चुनाव आयोग ने सख्ती दिखाते हुए वहां चुनाव प्रचार की अवधि कम करने के साथ हिंसा रोक पाने में नाकाम कई अधिकारियों को हटा दिया. इसके बाद मुख्यमंत्री ममता बनर्जी आयोग को कोसने में जुटी रहीं, अन्य विपक्षी दल भी चुनाव आयोग की आलोचना करने के लिए आगे आ गए.तमाम आलोचना और निंदा के बाद भी चुनाव आयोग की प्रशंसा करनी होगी कि उसने इतनी लंबी और जटिल चुनावी प्रक्रिया को अंजाम दिया.नतीजों के बाद अगर विपक्षी दल ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाते हैं तो वे कुल मिलाकर अपनी कमजोरी को ही प्रदर्शित करेंगे. लेकिन चुनाव आयोग को भी इस पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि इतनी लंबी चुनाव प्रक्रिया से कैसे बचा जाए? चुनाव प्रक्रिया को छोटा करने का काम तभी हो सकता है जब मतदान प्रक्रिया को आधुनिक बनाने के साथ ही चुनाव में गड़बड़ी की आशंका को कम से कम किया जाए. ईवीएम ने एक बड़ी हद तक यही काम किया है. 
चुनाव आयोग को इस पर विचार करना चाहिए कि क्या ईवीएम में किसी ऐसी तकनीक का इस्तेमाल हो सकता है जिससे मतदाता की पहचान के बिना बटन ही न दब सके. अगर सूचना तकनीक के इस दौर में हम ऐसी ईवीएम मशीन ईजाद कर पाएं जो मतदाता की पहचान जांचे बिना उसको वोट डालने से रोके तो इससे धांधली को रोकने में मदद मिलने के साथ ही चुनाव प्रक्रिया को और भरोसेमंद बनाया जा सकता है.

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विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...