2019 आम चुनाव के बाद बीजेपी पहले की अपेक्षा और भी मजबूत होकर सत्ता में लौटी है. परिणामतः समाज का एक वर्ग रुंदनावस्था में है. समाज का यह वर्ग जिसे हम गंगा जमुना तहजीब कहकर अपना हिस्सा बताये फिर रहे हैं उनके मन में क्या है यह सर्वथा विदित है. आप सोच रहे होंगे कि अरबी में लिखे इन अक्षरों के अर्थ क्या हैं? मैं आपको जानकारी देता हूं इसमें क्या है...
इसमें लिखा है--"ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने मुस्लिमों को पत्र लिखकर चिंता जाहिर की है. पत्र में वली रहमानी ने लिखा है कि आने वाले समय में हालात तश्वीश नाक (परेशानी भरा) रुख अख्तियार कर सकते हैं. ऐसे में सबकी जिम्मेदारी है कि कोई मायूस ना हो. मुसलमान अपने अंदर हिम्मत और हौसला पैदा करें.उन्होंने कहा है कि हमारे बड़े बुजुर्गों ने मुल्क में रहने का जो फैसला किया था, वो सोच समझकर किया था. इससे पहले भी मुसलमानों के लिए बहुत सख्त हालात गुजरे हैं. ये वक्त भी गुजर जाएगा.
अब अगर किसी सच्चे राष्ट्रवादी ने इसका अपने अनुरुप जवाब दे दिया तो देश में असहिष्णुता का माहौल शुरु हो जायेगा. गा जमुना तहजीब ख़तरे में आ जायेगी. दरअसल ख़तरे में इस देश के बहुसंख्यक हैं... इस तरह के ख़त इस तरह की संस्थायें और बीजेपी की जीत से कुछ लोगों के भीतर पसरा मातम यही इशारा कर रहा है...घृणा की पराकाष्ठा देखिये एक वर्ग समुदाय को सार्वजनिक रुप से संबोधित किया जा रहा है कि अपने समय की प्रतीक्षा करें... अरबी में लिखे इस संदेश पत्र को अल्टीमेटम समझिये और इस मुस्लिम पर्सनल लॉ बॉर्ड को भंग करने के लिए आवाज उठाइये. इस देश में एक ही लॉ चलेगा संविधान का लॉ इसके इतर किसी भी पर्सनल प्राइवेट लॉ के लिए कोई स्थान नहीं होना चाहिए, क्योंकि यहीं से देश को तोड़ने वाली बीज पनपना शुरु करेगी... और क्या पता कर भी रही हो..जागते रहें...
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