सोमवार, 12 मार्च 2018

विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर
निज लक्ष्य की पहचान कर
 सामर्थ्य का तू ध्यान  कर
और अपने को बलवान कर...

आलस्य से कहो, भाग जाओ
अभी समय है जाग जाओ
हो अधर्म जो सर उठाओ
यदि युवा हो कर उठाओ...

मिलती नहीं विजय श्री पल में
कर कठिन साधना हलाहल में
बीच नगर के कोलाहल में
कर भरोसा  निज बल में...

असफलता बन चुनौती मार्ग में आजाये तो
परिस्थितीयां हो कर विपरीत, आने दो आजाये तो
अपनी साहस से जो लड़ते सूरवीर कहलाये वो
नाम अमर कर के हैं जाते रण में जो मर जाये वो...

 मां - पिता के चरणों से विजय भवः वरदान लो
मेरी जय हो मैं अजय हूँ मन में अपने मान लो
हो कर जयवंत अब सांस लूंगा मन से अपने ठान लो
दृढ़ निश्चय की ही जीत होगी ज्ञान अब ये जान लो...

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विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...