हमारा पूरा संसार एक कमरे में,
5 लोगों का परिवार एक कमरे में।
किवाड़ के पीछे क्रिकेट का बल्ला,
माँ दुर्गा की हाथों में तलवार एक कमरे में।
शेक्सपियर,प्रेमचंद अलमारी पर सवार,
गीता का ज्ञान रामायण पुराण एक कमरे में।
भाइयों का शोर, टीवी, पढ़ाई,
पापा की डांट, मां का दुलार एक कमरे में।
माशूम सी बातें, बातो में झगडे,
रोज़ तकरार मगर प्यार एक कमरे में।
ज़िक्र अपने गांव का, बिहार का..
सैकड़ो बार एक कमरे में।
एक सपना हर किसी की आँखों में,
उन सपनो का बढ़ता आकार एक कमरे में।।
5 लोगों का परिवार एक कमरे में।
किवाड़ के पीछे क्रिकेट का बल्ला,
माँ दुर्गा की हाथों में तलवार एक कमरे में।
शेक्सपियर,प्रेमचंद अलमारी पर सवार,
गीता का ज्ञान रामायण पुराण एक कमरे में।
भाइयों का शोर, टीवी, पढ़ाई,
पापा की डांट, मां का दुलार एक कमरे में।
माशूम सी बातें, बातो में झगडे,
रोज़ तकरार मगर प्यार एक कमरे में।
ज़िक्र अपने गांव का, बिहार का..
सैकड़ो बार एक कमरे में।
एक सपना हर किसी की आँखों में,
उन सपनो का बढ़ता आकार एक कमरे में।।
इन पंक्तियों से जुड़े सर्वाधिकार राजन कुमार झा के पास हैं। इसमें से किसी भी पंक्ति को बिना उनके अनुमति के उधृत किये जाने पर शख्त क़ानूनी कार्र्यवायी की जा सकती है।
शानदार भईया
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