शुक्रवार, 27 सितंबर 2019

बुद्ध VS युद्ध

वैसे तो इमरान खान और भारतीय प्रधानमंत्री की तुलना ही निर्रथक है... लेकिन क्योंकि UNGA के मंच पर एक राष्ट्राध्यक्ष  होने के नाते प्रधानमंत्री मोदी के बाद इमरान खान ने भी भाषण दिया इसलिए संक्षेप में दोनों नेताओं के भाषण का विश्लेषण जरुरी है.. यह विश्लेषण हमारे देश और समाज के लिए एंटीबायटिक का काम करेगा. कुछ वायरस हमें बीमार करने की कोशिश करते है.. समय-समय पर डोज आवश्यक है. 
UNGA के मंच पर इमरान खान ने
जो भाषण दिया उससे विश्व विरादरी का काम काफी हद तक आसान कर दिया है.  अब दुनियां के लिए यह तय करना और भी आसान हो गया है कि हिंदुस्तान समेत दक्षिण एशिया में आतंक की सबसे बड़ी वजह क्या है? पहले इमरान खान के भाषण की बात कर लेते हैं.
यूएनजीए में अपने भाषण के दौरान इमरान खान ने सबसे ज्यादा बार इस्लाम-इस्लामोफोबिया शब्द का इस्तेमाल किया. संयुक्त राष्ट्र महासभा के सत्र को संबोधित करते हुए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने 71 बार मुस्लिम, इस्लाम और इस्लामोफोबिया का जिक्र किया, जबकि 28 बार आतंकवाद शब्द का इस्तेमाल किया. इमरान के ज्यादातर शब्द भारत और कश्मीर के इर्द गीर्द रहे.. 
इमरान ने दुनियां भर को परमाणु युद्ध के नाम पर डराने की कोशिश की... हालांकि उन्होंने यूएन को भी कटघरे में खड़ा कर दिया. हद तो तब हो गई जब इमरान ने हथियार उठाने वाले आतंकियों को भी न्यायोचित ठहराते हुए उन्हें अन्याय के खिलाफ लड़ने वाला योद्धा करार दे दिया...अब उनसे कोई पूछे कि कश्मीर में अपने पड़ोसियों और इस्लामिक कट्टरपंथियों के हाथों मारे जाने वाले, बलात्कार किये जाने वाले लाखों कश्मीरी पंडितों में से कितनों ने हथियार उठाया? दुनियां में किसी भी स्थान पर किसी मुस्लिम के साथ इतनी क्रूरता नहीं हुई जितना जुल्म इन्होंने 90 के दशक में कश्मीर के अंदर किया था. 
इमरान खान ने बड़ी चालाकी से अपना पैगाम कश्मीर में छिपे आतंकियों तक पहुंचा दिया और कर्फ्यू हटने के साथ ही खून खराबा करने का काम भी सौंप दिया.. ताकि वह दुनियां के सामने कश्मीर की वह तश्वीर पेश कर सके जो वो चाहते हैं..  
इसके विपरीत प्रधानमंत्री मोदी ने देश में हो रहे बदलवाों पर चर्चा की.. उन्होंने देश और दुनियां की भलाई के लिए उठाये गए अपने कदमों के बारे में विश्व विरादरी को जानकारी दी. उन्होंने दुनियां को ग्लोबल वार्मिंग से निपटने और प्लास्टिक के कम इस्तेमाल के लिए योजना बनाने की बात की. पधानमंत्री ने जल संरक्षण की बात की...  और आतंकवाद पर एकजुट होने की वकालत की...  प्रधानमंत्री ने देश के संस्कृति और शिक्षा की बात की उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान ने दुनियां को युद्ध नहीं बुद्ध दिया है..  उन्होंने दुनियां में सुख शांति की बात की... प्रधानमंत्री मोदी ने स्वामी विवेकानंद का उल्लेख किया...
हिंदुस्तान हमेशा की तरह बुद्ध(शांति) की बात कर रहा है और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री युद्ध( आतंक) की बात कर रहे हैं, लेकिन यह नया भारत है... शांति स्थापित करने के लिए युद्ध से भी पिछे नहीं हटेंगे... 

1 टिप्पणी:

  1. कुत्ते भौंकते हैं तो भौंकते रहें हांथी उनको जवाब नही देते हैं,
    मेरे हिसाब से इनको जवाब तब दिया जाय जब इनको इनके जड़ मूल से समाप्त करना हो,
    उससे पहले हर बार भौकने पर जवाब की प्रक्रिया नही करनी चाहिए,

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विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...