सोशल मीडिया भले ही फेक न्यूज का सबसे बड़ा केन्द्र बन चुकी हो लेकिन इसमें कोई शक नहीं कि आप और हम चाहें तो इसके इस्तेमाल से लोगों की जिंदगियां बचा सकते हैं। ऐसे दो एक नहीं कई उदाहरण हम देख चुके हैं। एक ताजा मामला अवध एक्सप्रेस का है। अवध एक्सप्रेस बिहार के मुजफ्फरपुर से मुंबई के लिए चलती है, जिसमें यात्रा कर रही 25 नाबालिग लड़कियों को बचाया गया। अवध एक्सप्रेस के कोच एस-5 में आदर्श श्रीवास्तव नाम के एक व्यक्ति भी सफर कर रहे थे। उन्होंने ही ट्विट किया कि उनके कोच में 25 लड़कियां सफर कर रही हैं जो असहज महसूस कर रही हैं, बेहद परेशान हैं और रो रही हैं। इस ट्वीट के बाद रेलवे तुरंत हरकत में आ गया। ट्विटर के माध्यम से सूचना मिलने के आधे घंटे के भीतर मामले की तहकीकात शुरू हो गई। जीआरपी ने चाइल्ड लाइन तथा मानव तस्करी रोधी यूनिट (पुलिस) के साथ मिलकर जांच को आगे बढ़ाया। टीम को शक था कि ये मामला बाल तस्करी का हो सकता है। सादी वर्दी में आरपीएफ के दो जवानों को ट्रेन में भेजा गया। जीआरपी की एसपी ने बताया, 'जीआरपी और आरपीएफ की एक संयुक्त टीम ने बाल तस्करी के शक में 26 नाबालिग लड़कियों और दो पुरूषों को अवध एक्सप्रेस से पकड़ा है। ये लोग चंपारण (बिहार) से आगरा के ईदगाह जा रहे थे। जांच जारी है। टीमों को बिहार और आगरा भेजा गया है।' रेलवे के प्रवक्ता के मुताबिक, जब जांच टीम ने लड़कियों से सवाल किया गया तो वे संतोषजनक जवाब नहीं दे सकीं।लड़कियों की उम्र 10-14 साल के बीच बताई जा रही है जिन्हें फिलहाल बाल कल्याण समिति को सौंप दिया गया। आरपीएफ ने बताया कि उनके माता - पिता को इस बारे में जानकारी दे दी गई है। यह है सोशल मीडिया की ताकत जिसका सही इस्तेमाल जिंदगियां बचाने के काम आ सकता है।
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