शनिवार, 29 सितंबर 2018

थोड़ी तो सहिष्णुता दिखाओ तथाकथित बुद्धिजीवियों

सदियों से चली आ रही परंपरा, संस्कार और धर्म को मानने वाले श्रद्धालु और पुजारी, मूर्ख  अज्ञानी और पिछड़ी मानसिकता  वाले हैं। इस देश की परंपरा और रीतियों की धज्जियां उड़ाने वाले प्रगतिशील।
महाराष्ट्र के शणि शिंगणापुर मंदिर के चबूतरे पर महिलाओं को जाने की अनुमति नहीं थी। महिलाएं कोर्ट गईं। अदालत ने 400 साल पुरानी परंपरा को खत्म करते हुए महिलाओं को भी पुरुषों की तरह मंदिर के गर्भगृह तक जाने की अनुमति दे दी। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद मंदिर के अज्ञानी और अंधविश्वासी पुजारियों को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के अदालत के फैसले पर हमला करते आपने देखा या सुना? क्या पुजारियों ने कहा कि वो अदालत का फैसला नहीं मानेंगे?

सुप्रीम कोर्ट ने सैकड़ों साल से चली आ रही परंपरा को ध्वस्त करते हुए आदेश दिया कि सबरीमाला मंदिर में पीरियड में रहने वाली लड़कियां और महिलायें भी जा सकती हैं। अर्थात एक उम्र विशेष मतलब 10 से 50 साल तक की लड़कियां या औरतों का मंदिर में प्रवेश वर्जित था.... इसे अपवित्रता से जोड़कर देखा जाता था कहा जाता है कि क्योंकि मंदिर के भगवान ब्रम्हचारी हैं इसिलिए इस उम्र तक की लड़कियों का प्रवेश वर्जित था इसके पीछे औऱ भी कहानियां हैं जिसका आदर महिलायें करती हैं और कोर्ट के आदेश के बाद भी करेंगी... लेकिन विषय ये हैं कि  क्या आपने सबरीमाला मंदिर के पुरातनपंथी पुजारियों या प्रबंधन को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर के सुप्रीम कोर्ट के जजों पर हमला करते देखा और सुना?
जिस दिन सबरीमला का फैसला आया ठीक उसी दिन कथित शहरी नक्सलियों पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आया। कोर्ट ने बहुमत से कहा कि जिन पांच ऐक्टिविस्ट की गिरफ्तारी हुई है उसके पीछे कोई राजनीतिक मंशा नहीं है। कोर्ट ने यह भी कहा कि पहली नजर में देखने से लगता है कि इन ऐक्टिविस्ट के संबंध माओवादियों से हैं।
अब देखिये क्या हुआ। कोर्ट के फैसले के तुरंत बाद जाने-माने ज्ञानी वकील, विद्वान लेखक, इतिहासकार, पत्रकार और मानवाधिकार कार्यकर्ता एकजुट होकर बाकायदा प्रेस कॉन्फ्रेंस करके फैसला देने वाले जज पर ही हमला कर देते हैं।
अब बताइये कौन ज्यादा असहिष्णु है- मूढ़, अज्ञानी, पुरातनपंथी पुजारी और भक्त या सुप्रीम कोर्ट के जज पर हमला करने वाले ज्ञानी और विद्वान बुद्धिजीवी!?

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विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...