कुछ साल पहले तक छठ सिर्फ बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश और नेपाल के तराई इलाकों तक सीमित था लेकिन अब यह महापर्व जम्मू-कश्मीर से लेकर दक्षिण भारत तक मनाया जा रहा है। सूर्योपासना का यह पर्व सूर्य षष्ठी को मनाया जाता है, लिहाजा इसे छठ कहा जाता है। यह पर्व परिवार में सुख, समृद्धि और मनोवांछित फल प्रदान करने वाला माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि छठ देवी भगवान सूर्य की बहन हैं, इसलिए लोग सूर्य को अर्घ्य दिखाते हैं और छठ मैया को प्रसन्न करने के लिए सूर्य की आराधना करते हैं। अर्घ्य अर्थात जल या दूध सूर्य को समर्पित करना।
छठी-मईया की कल्पना एक स्त्री के रूप में है। कहा जाता है कि उनका भी मायका और ससुराल है। छठी-मईया ससुराल से अपने मायके ढाई दिन के लिए आती हैं। वे भरे पूरे परिवार से आती हैं इसलिए पूजा करने वाले उपासक पूजन के वक्त उनसे भरे-पूरे परिवार और संतान का आशीर्वाद मांगते हैं।
छठ पूजा चार दिवसीय अनुष्ठान है। इसके पहले दिन नहाय-खाए दूसरे दिन खरना और तीसरे दिन डूबते हुए सूर्य व चौथे दिन उगते हुए सूर्य की पूजा की जाती है। नहाए-खाए के दिन नदियों में स्नान करते हैं। इस दिन चावल, चने की दाल और कद्दू या लौकी की सब्जी बनाई जाती हैं। इसके बाद वाले दिन यानी कार्तिक शुक्ल पंचमी को खरना बोलते हैं। पूरे दिन व्रत करने के बाद शाम को व्रती प्रसाद लेते हैं । षष्ठी के दिन सूर्य को अर्ध्य देने के लिए तालाब, नदी या घाट पर जाते हैं और स्नान कर डूबते सूर्य की पूजा करते हैं। इस बीच व्रती पानी तक नहीं पीते। सप्तमी को सूर्योदय के समय पूजा कर प्रसाद वितरित करते हैं और व्रती प्रसाद खाकर अपना व्रत तोड़ते हैं।
इस व्रत में शुद्धता और सफाई पर बहुत अधिक ध्यान दिया जाता है, इसे सबसे कठिन व्रतों में एक माना जाता है।
सूर्य को अर्घ्य देने के पीछे संध्या और प्रत्यूषा की मान्यता भी है। कहीं-कहीं मान्यता है कि सूर्यदेव की दो पत्नियां हैं एक संध्या और दूसरी प्रत्यूषा। जिसकी वजह से पहला अर्घ्य संध्या अर्थात शाम के वक्त डूबते सूर्य को और दूसरा अर्घ्य प्रत्यूषा अर्थात भोर का वक्त उगते सूर्य को दिया जाता है।
छठी मईया के बारे में कहा जाता है कि ढ़ाई दिन के बाद मईया अपने घर चली जाती हैं। व्रती दरअसल उनके विदाई की रश्म निभाते हैं उन्हें ढ़ेर सारे पकवान और फल देकर विदा करते हैं जिनकी पहले पूजा की जाती है। सुबह छठी मईया के विदाई के साथ व्रत और 4 दिनों का ये त्योहार एक साल तक के लिए समाप्त हो जाता है।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें