बुधवार, 22 जनवरी 2020

नागरिकता कानून के समर्थक हैं तो सावधान...


सीएए को लेकर समाज के एक वर्ग में कितना असंतोष है यह किसी से छिपा नहीं है.  इस असंतोष के पिछे की वजह भी धीरे धीरे साफ हो चुकी है जो कि हिंदू विरोध के ईर्द गीर्द नज़र आती है.  
इसके दो एक नहीं कई उदाहरण आपको दे सकता हूं और समय समय पर देता भी रहा हूं. ताज़ा उदाहरण बेंगलुरु से लीजिए जहां सीएए के समर्थन में शामिल आरएसएस के एक कार्यकर्ता पर जानलेवा हमला किया गया.  बेंगलुरु पुलिस के मुताबिक हमले की साजिश एसडीपीआई के लोगों ने रची थी. एसडीपीआई यानी सोशल डेमौक्रैटिक पार्टी ऑफ इंडिया है जिसके ज्यादातर सदस्य शांति प्रिय लोग हैं.  हमले में आरएसएस के नेता बाल बाल बच गए.  लेकिन बात यहीं खत्म नहीं होती...  
बात यह है कि हमलावरों के निशाने पर युवा सांसद  तेजस्वी सूर्या और कुछ बड़े आरएसएस कार्यकर्ता  थे, लेकिन सुरक्षा कड़ी होने की वजह से हमलावर वहां तक नहीं पहुंच सके...  योजना विफल होता देख उन्होंने सोचा कि किसी भी कार्यकर्ता को पकड़ कर हलाल स्टाइल में रेत दिया जाये...  तब रैली से लौट रहे एक शख्स पर इनकी नज़र पड़ी... वह भगवा कुर्ते में रैली में शामिल हुआ था... उस शख़्स पर कातिलाना हमले के लिए इतना काफी था..  भगवा वस्त्र धारी कार्यकर्ता पर झारदार हथियार से हमला हुआ  लेकिन वो बच गया.  
कुछ सवाल आपके लिए छोड़ता हूं कि अगर  सीएए का विरोध करना सांवैधानिक अधिकार है तो सीएए का समर्थन करना क्या है? सीएए के विरोध में देश की राजधानी में आप डेढ़ महीने से सड़क जाम कर के बैठ सकते हैं लेकिन इसके समर्थन में रैली  निकाली तो  कुछ लोग आपका गला रेतने की न सिर्फ योजना बनाने लगेंगे बल्कि योजना पर अमल भी करेंगे.   एक हिंदू बहुल देश में सीधे हिंदू नेताओं को टारगेट किया जा रहा है इससे दुर्भाग्य पूर्ण बात और क्या हो सकती है?
अब आप कहेंगे विरोध तो सब कर रहे हैं इसमें हिंदू मुस्लिम कहां से आ गया...?
अब आपको उन लोगों के नाम बताते हैं जो बेंगलुरु में आऱएसएस कार्यकर्ता का गला रेतने चले थे...  उनकी पहचान मोहम्‍मद इरफान, सैयद अकबर, सैयद सिद्दिक अकबर, अकबर बाशा, सनउल्‍ला शरीफ और सादिक उल अमीन के रूप में हुई है..  अब आप बताईये हिंदू मुसलमान कौन कर रहा है? इस साजिश में क्यों सारे नाम मुसलमानों के हैं? क्यों देश के मुस्लिम बहुल इलाकों में ही CAA और तथाकथित NRC का विरोध हो रहा है? CAA और NRC का विरोध कर रहे कितने लोगों को बहुसंख्यक हिंदुओं ने जान से मार देने की कोशिश की? ..... सोचिये...

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विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...