सोमवार, 6 अप्रैल 2020

कब तक आँखे मुंदी जाएं?

आजकल मौलवी और मौलाना न्यूज़ चैनलों पर छाए हुए हैं. एक जैसे आरोप, एक जैसे जवाब सुन-सुन कर जनता बोर हो चुकी है. उनके पास बोर होने के अलावा कोई और काम बचा भी नहीं है. इन सब के बीच देश में छिपे कुछ लोग अपने भीतर छिपे नफरत और धर्मान्धता को नहीं छिपा पा रहे हैं. मजहबी घृणा से सने इन लोगो की हरकतों ने ही इन्हें एक्सपोज़ किया है. अब जब सच्चाई बाहर आ रही है इनकी बौखलाहट बढ़ती जा रही है. 
हर तरह का जहर फैलाने के बाद कुछ लोग मीडिया पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं. 

कुछ लोगों को इस बात से आपत्ति है कि कोरोना के फैलाव को धर्म विशेष से क्यों जोड़ा जा रहा है?  बात सीधी सी है जोड़ा इसलिए जा रहा है क्योंकि कुछ लोग इसे लेकर एक्सपोज़ हो गए हैं. अब चाह कर भी किसी तरह की लीपा पोती नहीं हो सकती... कहा जा रहा है कि देश में हिंदू मुसलमान हो रहा है...  अल्पसंख्यकों (फर्जी) को निशाना बनाया जा रहा है... सवाल है कि आखिर क्यों मीडिया ही नहीं आम लोग भी कोरोना को लेकर एक खास तबके को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं...  
इसका जवाब इन सवालों में तलाश करने की कोशिश की जा सकती है...
अपील के खिलाफ जाकर तबलीगी जमात का जमावड़ा किन्होंने लगाया?
इस्लाम और सुन्नत की बातें कर के कोरोना के खिलाफ असावधानी किन्होंने फैलाया?
मुस्लिम बहुल इलाकों में पुलिस पर हमला करने वाले कौन हैं?
स्वास्थ्य कर्मियों पर हमला करने वाले कौन हैं?
पुलिस कर्मियों व स्वस्थ्य कर्मियो पर पत्थरबाजी करने वाले कौन हैं?
डाक्टरों और नर्सों पर थूकेने वाले कौन हैं?
नर्सों के साथ अमर्यादित आचरण करने वाले कौन हैं?
टिक टॉक और दूसरे माध्यमों पर हिंदुओं से घृणा फैलाने वाले कौन हैं?
50 करोड़ भारतीयों को वायरस से मरने की दुआ करने वाला कौन है?
वीडियो बनाकर मीडिया कर्मियों को धमकी देने वाले कौन हैं?
देश में इस्लाम का शासन कायम करने की बात कौन कह रहा है?
 मीडिया पर इस्लाम को बदनाम करने का आरोप लगाने वाले लोग पहले इन सवालों का जवाब दें...

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विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...