सोमवार, 17 अगस्त 2020

यह पेंटिंग जेहाद है

 

जो पेंटिंग आप देख रहे हैं, अगर मैं पोस्ट न भी करता तो किसी न किसी माध्यम से आप देख ही लेते या देख चुके होंगे.  

अगर नहीं भी देखे हैं तो आपका देखना जरुरी है. जरुरी इस लिए है कि अगर कोई चश्मा आंखो पर लगा हो तो उतर जाये कम से कम नंबर तो कम जरुर हो जाये.

  भगवान कृष्ण के इस पेंटिंग को अकरम हुसैन नाम के जेहादी पेंटर ने बनाया न केवल बनाया असम के आर्ट गैलरी में प्रदर्शित किया गया. बहुत से सनातनी भी असम के इस आर्ट गैलरी में गए होंगे या इंटरनेट पर तसेवीर देखी होगी...तस्वीर देखने के बाद  होठों से 120 डिग्री का कोण बनाकर वाव भी कहे होंगे. उनके लिए अभिव्यक्ति की आजादी का मतलब है हिंदू घृणा दूसरे मजहब का सम्मान. उनके लिए सेकुलर होने का मतलब है सनातन को छोड़कर सभी धर्मों का सम्मान. सम्मान इतना कि एक फेसबुक पोस्ट पर शहर के शहर जला दिये जायें.

 लेकिन हमारे लिए सेकुलर अर्थात न हम तुम्हारी बुराई करेंगे न तुम हमारी करो. लेकिन जैसे ही हम कहेंगे कि हमारे देवी देवताओं का सम्मान करो तो हमें  कट्टर कम्यूनल और पता न कैसे-कैसे सर्वनामों से पुकारा जाने लगेगा, जिसकी चिंता अब मुझे नहीं है.   

यहां के बहुसंख्यक जिन्हें असहिष्णुता का अवार्ड मिलता रहता है उन्होंने इस घटना के बाद देश के किसी भी हिस्से में हिंसा या अगजनी  नहीं की हां जेहादी पेंटर अकरम हुसैन को गिरफ्तार करने की मांग जरुर की है.   

बैंगलुरु में एक हिंदुओं को नीचा दिखाने वाले पोस्ट के नीचे कमेंट करने के बाद किस तरह दंगे किये गए मजहबी उन्मादियों ने शहर जला दिया  वह सब ने देखा. सर कलम करने तक का एलान कर दिया गया. 

समझदार बनो जेहादी नहीं, क्योंकि सनातन ही सत्य है.  

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विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...