गुरुवार, 17 दिसंबर 2020

हवस, 'प्रेम' नहीं होता...

         
गिरफ्तार किए गए दोनों भाई

1981 में एक फिल्म आई थी "प्रेम गीत". इस फिल्म का एक गाना आज भी लोग गुनगुनाते हुए सुने जा सकते हैं. इंदीवर के इस गीत को जगजीत सिंह की आवाज़ ने अमर कर दिया... उसकी कुछ पक्तियां इस प्रकार है... ना उम्र की सीमा हो, ना जन्म का हो बंधन जब प्यार करे कोई, तो देखे केवल मन नयी रीत चलाकर तुम ये रीत अमर कर दो... इस रीत को अमर करना भारतीय समाज में बहुत मुश्किल है. बॉलीवुड ने शुरु से ही हमें प्यार करना सिखाया... प्यार या प्रेम एक सकारात्मक विषय है. इसमें कोई दो राय नहीं कि राम से लेकर कृष्ण तक और बड़े-बड़े धर्मगुरुओं से लेकर हमारे माता-पिता तक ने हमें प्रेम पूर्ण व्यवहार की शिक्षा दी है. इस प्रेम ने लोगों के जीवन से ज़हर निकाल कर अमृत भर दिया तो कभी लोगों की जिंदगी ज़हर कर दी... खत्म कर दी..
क्या सचमुच प्रेम में उम्र की सीमा नहीं होनी चाहिए? जन्म का बंधन नहीं होना चाहिए? उम्र के अलग-अलग पड़ाव पर इस सवाल का जवाब लोग अलग-अलग देते हैं.
 आजकल प्रेम कम होता है लेकिन प्रेम के नामपर एक खास उद्येश्य की पूर्ती की चेष्टा अधिक होती है... राजस्थान के चित्तौड़गढ़ में पुलिस ने हत्या की एक गुत्थी सुलझाई... मामला ऑनर किलिंग का था... चित्तौड़गढ़ के आवरीमाता निवासी ईशाक मोहम्मद जिसकी उम्र लगभग 35 साल बताई जा रही है की अधजली लाश मिली. पुलिस ने जांच की तो पता चला कि उसकी हत्या दो भाईयों ने मिलकर की है...चेतन और राकेश रेगर. दोनों को गिरफ्तार कर पुलिस ने पूछताछ की तो उन्होंने सब सच-सच बता दिया... उन्होंने कहा कि उन्होंने हत्या की है और कोई पछतावा नहीं है क्योंकि ईशाक ने जो किया उसकी सज़ा यही होनी चाहिए... 
अब सवाल है कि ईशाक ने क्या किया...? पुलिस जब मामले की जांच कर रही थी तब उन्हें भनक लगी कि ईशाक(35 साल) की नज़र चेतन और राकेश की छोटी बहन पर थी... जो 15-16 साल की बताई जा रही है... आप इसे प्यार कह सकते हैं मैं इसे हवस मानता हूं. एक 35 साल का अधेड़ नाबालिग लड़की के साथ प्रेम नहीं कर सकता... गांव के कुछ लोगों का मानना है कि दोनों के बीच बात होती थी कुछ लोग यह भी कहते हैं कि प्रेम दो तरफा था. हालांकि लड़की जब तक बालिग न हो कानून भी ऐसे रिश्तों को दो तरफा प्यार का मामला नहीं मानता. खैर, दोनों भाईयों की मानें तो ईशाक मौका पाकर उसकी बहन को छेड़ा करता था. इस बात को लेकर पहले भी ईशाक के साथ हाथा पाई हो चुकी थी और उसे भाईयों ने धमका कर छोड़ दिया था. 
12 दिसंबर 2020 को ईशाक आरोपियों की नाबालिग बहन के साथ छेड़खानी कर रहा था.कुछ लोगों का कहना है कि ईशफाक नाबालिग लड़की के साथ गलत हरकत करने की फिराक में था. इस दृश्य को नाबालिग लड़की के भाइयों ने देख लिया. इस पर गुस्साये दोनों भाइयों ने ईशाक मोहम्मद के साथ दोबारा मारपीट की.. घायल ईशाक को बोरी में डालकर जंगल में ले गये. वहां पेट्रोल डालकर उसे जिंदा जला दिया.
 दोनों भाईयों को गिरफ्तार किया जा चुका है... उनका कहना है कि मेरी बहन अभी बच्ची है नाबालिग है ना समझ है लेकिन ईशाक तो समझदार था... दोनों भाईयों ने कानून हाथ में लेकर ठीक नहीं किया...लेकिन क्या इन्हें ऐसा करने के लिए ईशाक के हवस ने मजबूर नहीं किया? अपने से आधी उम्र की नाबालिग लड़की के साथ ईशाक प्रेम करता था या यह सिर्फ उसकी हवस थी...आप समझ सकते हैं.
 मैं कुछ मीडिया रिपोर्ट्स और आर्टिकल देखकर आश्चर्यचकित हूं. जिनमें ईशाक को प्यार के नाम पर कुर्बान किये जाने वाले आशिक की तरह दिखाया जा रहा है... जबकि ईशाक की जान उसकी हवस ने ली... मीडिया रिपोर्ट्स की स्टडी करें तो विगत कुछ सालों में एक धर्म विशेष के लड़कों द्वारा बहुसंख्यक लड़कियों के साथ प्रेम प्रसंग व उसके बाद धर्म परिवर्तन या शादी के नाम पर रेप कर के छोड़ देने, गैंग रेप और मर्डर के मामले गुणोत्तर वृद्धि से बढ़े हैं... मीडिया क्षेत्र के एक जानी मानी हस्ती... दो बड़े ग्रुप के साथ अच्छी पदों पर रहे... उनका नाम नहीं ले सकता... उन्होंने अपना प्यार पाने के लिए इस्लाम कबूल लिया... न जाने कितने अमर, उमर हो गए... लेकिन उमर को अमर होते बहुत कम देखा गया है. आशा से आयसा बनने के किस्से हजारों में हैं. वहीं आयसा से आशा बनने की ख़बर कम ही आती है... ऐसा क्यों है? क्या हमारे देश में यह सुनियोजित तरीके से हो रहा है? क्या यह दुनियां के दूसरे हिस्सों में भी हो रहा है? इस बात का जवाब आपको तब मिलेगा जब आप इतिहास के पन्नों में एक के बाद एक 55 मुल्कों के इस्लामिक होने की कहानी पढ़ेंगे...
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विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...