मंगलवार, 25 मई 2021

होगी मानवता की जय

 कोविड है क्या कोरोना है क्या

मृत्यु का बीज है खुद से बोया हुआ...  


विज्ञान के विस्तार का नाप लो,

वरदान के साथ कुछ अभिशाप लो...



 चीनी करतूत है, यम के दूत नहीं,

अभिप्राय है इसका कोई "चूक" नहीं.


पूछो उन चीनी गुनहगारों से 

क्या बिगाड़ा था कोटि परिवारों ने ?

कांधा देते अनुज का भ्राताओं ने 

बच्चे को छोड़ जाती उन माताओं ने


खोकर अपनों को वो असमय चले गए, 

बाप के कंधों पर उनके तनय चले गए...

 

जनता लापरवाह... नेता बेपरवाह ?

कटघरे में कौन,  कौन है गवाह ??


मौत तो सत्य है मौत से क्यों डरुं ?

जीवन जो मिला इसे जी भर जियूं...


 डरता नहीं, करते मृत्यु से सामना,

अपने मन से मरुं बस यही कामना...


जब समय आएगा मैं भी आ जाऊंगा

किसने टाला तुझे जो मैं टाल पाऊंगा?


 मैं जनमा हूं ईश्वर के आदेश से,

बच सके तो बचना मेरे आवेश से...


मैं हूं मानव मुझे चाहे ले आज़मा,

मर-मर कर जिंदा रहूंगा यहां...

 

छानकर सांस लेना हमें आ गया,

बांधकर मुख को जीना हमें आ गया...


 हैजा, कॉलेरा, प्लेग या क्षय

पाया है हमने हर बीमारी पर जय


औषधि आ गई अब पराजय है तय,

कोरोना बीमारी  नहीं अक्षय...   !

होगी मानवता की जय.... 

होगी मानवता की जय....


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विजयी भवः

सुमार्ग सत को मान कर निज लक्ष्य की पहचान कर  सामर्थ्य का तू ध्यान  कर और अपने को बलवान कर... आलस्य से कहो, भाग जाओ अभी समय है जाग जाओ...